धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से किया गया दान इंसान के जीवन के लिए कल्याणकारी होता है। अगर आप भी श्री हरि और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुबह पूजा करने के बाद श्रद्धा अनुसार दान करें। इससे घर में ज्ञान की वर्षा होती है और जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा को महत्वपूर्ण माना गया है। हर माह के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा पड़ती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन में सुख की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। हिंदू धर्म में किसी भी पर्व और व्रत पर दान करने का विधान है। इस दिन दान करने से बीमारियों से बचाव होता है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्या दान करें?
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके बाद जरूरतमंदों दवाइयां और अन्य चिकित्सा सामग्री दान करें। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से बीमारियों से बचाव होता है।
- अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर एक लोटे में जल और काला तिल डालें और उसे पीपल के वृक्ष पर अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- दूध और दही का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है। घर की आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए पूर्णिमा पर गरीब लोगों में दूध और दही का दान करें। इससे मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है और आर्थिक मुश्किलें समाप्त होती हैं।
- इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर मौसमी फल और सत्तू का दान कर सकते हैं। इससे जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार की चीजें भी दान कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।