धार्मिक मत है कि बुध प्रदोष व्रत पर भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन बुद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने से व्रती के आय और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। इसके लिए भगवान गणेश को सिद्धिविनायक भी कहा जाता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।
सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत रखते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शिव परिवार की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। आज भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय शाम 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक है।
सिद्ध योग
बुध प्रदोष व्रत पर सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन रात 09 बजकर 12 मिनट पर है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का एक साथ निर्माण हो रहा है। इन तीनों योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। वहीं, समापन 20 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर होगा।
शिववास योग
बुध प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव सबसे पहले कैलाश पर विराजमान रहेंगे। भगवान शिव सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर विराजमान होंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से व्रती को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 04 बजकर 59 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 03 बजकर 29 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
ताराबल
भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर