पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इससे साधकों को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। पूर्णिमा तिथि महीने की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक मानी गई है। साथ ही इस तिथि पर गंगा या फिर किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना और दान आदि करना भी बहुत ही शुभ माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से साधक को धन की संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आप पूजा के दौरान धन की देवी लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आइए पढ़ते हैं लक्ष्म जी के मंत्र।
पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Purnima 2024 Muhurat)
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 21 जून 2024 को प्रातः 06 बजकर 01 मिनट पर शुरू हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 22 मई 2024 को प्रातः 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून, शुक्रवार को किया जाएगा। लेकिन स्नान-दान के लिए 22 जून, शनिवार का दिन शुभ रहने वाला है।
करें इन मंत्रों का जाप
- धनाय नमो नम:
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
- ॐ लक्ष्मी नम:
- ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
- लक्ष्मी नारायण नम:
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
- ॐ धनाय नम:
लक्ष्मी बीज मंत्र – ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
महालक्ष्मी मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
लक्ष्मी गायत्री मंत्र – ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
इस तरह करें जाप
मां लक्ष्मी जी के मंत्रों इन का जाप कुश आसन पर बैठकर, स्फटिक की माला पर करना बेहतर माना गया है। वहीं आप मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से कर सकते हैं। इस मंत्र का रोजाना एक माला यानी 108 बार जाप करना शुभ फल देता है। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है, साथ ही धन की बरकत होती है। यदि आप इन मंत्रों का रोजाना जाप करते हैं, तो इससे आपको कर्ज जैसी समस्या से भी मुक्ति मिल सकती है।