सनातन शास्त्रों में निहित है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से व्रती को सभी एकादशियों के समतुल्य फल प्राप्त होता है। साथ ही अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा व्रती पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष कृपा बरसती है। अत व्रती विधि पूर्वक जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष 18 जुलाई को निर्जला एकादशी है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में निर्जला एकादशी पर विशेष उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही अन्न-धन के भंडार भर जाते हैं। अगर आप भी जीवन में व्याप्त आर्थिक संकटों से निजात पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी पर पूजा के समय ये उपाय जरूर करें। आइए, उपाय जानते हैं-
- अगर आप मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी पर स्नान-ध्यान के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें। अब दक्षिणावर्ती शंख में केसर युक्त दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से व्रती की हर इच्छा पूरी होती है।
- निर्जला एकादशी के दिन पूजा के समय लक्ष्मी नारायण जी को श्रीफल अवश्य अर्पित करें। भगवान विष्णु को नारियल अति प्रिय है। श्रीफल अर्पित करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- लक्ष्मी नारायण जी को खीर अति प्रिय है। इसके लिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पूजा के समय अखंडित चावल की गुड़ और केसर से निर्मित खीर अवश्य भेंट करें।
- अगर आप कुंडली में गुरु मजबूत करना चाहते हैं या नौकरी में प्रमोशन पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सात गांठ वाली हल्दी भेंट करें। इस समय अपनी मनोकामना भगवान विष्णु से अवश्य कहें।
- अगर आप कारोबार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी पर विष्णु मंदिर में पीले रंग के वस्त्र का दान करें। इस उपाय को करने से मन मुताबिक सफलता अवश्य मिलेगी।