कब है बटुक भैरव जयंती? इन उपाय से सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बटुक भैरव जयंती मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि बटुक भैरव जयंती की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही मान-सम्मान बल बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं बटुक भैरव जयंती के दिन किए जाने वाले उपाय के बारे में।

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को बटुक भैरव जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 16 जून को मनाया जाएगा। इस दिन भगवानबटुक भैरव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए विशेष चीजों का भोग भी लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि बटुक भैरव की उपासना करने से सुख-शांति में वृद्धि होती है और जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव का बाल रूप और सबसे भयानक रूप बटुक भैरव हैं।

बटुक भैरव की पूजा से मिलते हैं ये लाभ

धार्मिक मान्यता है कि बटुक भैरव जयंती की पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही मान-सम्मान, बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।  

बटुक भैरव जयंती के उपाय

  • भगवान बटुक भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रभु की पूजा करें और उन्हें सफेद फूल, मीठे पुए और लड्डू समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे बटुक भैरव प्रसन्न होते हैं।
  • इसके अलावा अशुभ ग्रहों के नकारात्मक असर को दूर करने के लिए भगवान महादेव की उपासना करें। साथ ही शिवलिंग पर दूध अर्पित करें। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • अगर आप शनि दोष से परेशान हो गए हैं, तो ऐसे में बटुक जयंती के अवसर पकौड़े और पूए बनाएं और उसे किसी जरूरतमंद को दे दें। इस टोटके को करने से शनि दोष की समस्या से निजात मिलेगी।
  • ऐसी मान्यता है कि बटुक भैरव जयंती का दिन दुर्भाग्य को दूर करने के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिला दें। इस साथ ही ॐ बटुक भैरवाय नमः मंत्र का जप करें। इससे दुर्भाग्य दूर होता है।
मिथुन संक्रांति के दिन इस नियम के साथ करें पूजा
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