ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु मजबूत होने से अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। साथ ही मनचाहा वर मिलता है। कुंडली में गुरु कमजोर होने पर जातक को जीवन में धन का अभाव होने लगता है। साथ ही जीवन में विषम परिस्थिति भी पैदा होने लगती है। अतः ज्योतिष कुंडली में गुरु मजबूत करने की सलाह देते हैं।
सनातन धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन देवताओं के गुरु देवगुरु बृहस्पति की भी उपासना की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु मजबूत होने से जातक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि मिलती है। कारोबार में समय के साथ बढ़ोतरी होती रहती है। वहीं, रोजगार को भी नया आयाम मिलता है। कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए गुरुवार का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां करती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 13 June 2024)
शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि संध्याकाल 09 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। साधक सुविधा अनुसार स्नान-ध्यान कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु एवं देवगुरु बृहस्पति की पूजा कर सकते हैं।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 26 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 39 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 03 बजकर 51 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 08 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण
योग
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग संध्याकाल से है। साथ ही आज अभिजीत मुहूर्त का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
ताराबल
अश्वनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन