धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि पर देवों के देव महादेव एवं पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही भगवान शिव की कृपा से घर में सुख और समृद्धि आती है। अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह और मनचाहा वर पाने के लिए मासिक शिवरात्रि पर व्रत रख भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करते हैं।
सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। अतः हर वर्ग के लोग मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते हैं। आइए, मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषीय गणना के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 05 जुलाई को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में देवों के देव महादेव एवं मां पार्वती की पूजा होती है। अतः 04 जुलाई को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
योग
मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान मानव समाज का कल्याण होता है।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 24 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 17 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 48 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक