जुलाई महीने में कब मनाई जाएगी योगिनी एकादशी?

धार्मिक मत है कि योगिनी एकादशी व्रत करने से व्रती को भगवान विष्णु की कृपा से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही यश कीर्ति सुख और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैष्णव समाज के लोग बड़ी संख्या में भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत रखते हैं।

हर वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि योगिनी एकादशी के दिन व्रत रख भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। इसके अलावा, घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। इसके लिए वैष्णव समाज के लोग श्रद्धा भाव से एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। आइए, योगिनी एकादशी के बारे में सबकुछ जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 जुलाई को प्रातः काल 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इस प्रकार 02 जुलाई को योगिनी एकादशी मनाई जाएगी। वैष्णव समाज के लोग भी 02 जुलाई को योगिनी एकादशी मनाएंगे। इस दिन दुर्लभ धृति योग का निर्माण हो रहा है। शिव योग पूर्ण रात्रि तक है।

पारण समय

साधक 03 जुलाई को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 10 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। साधक 03 जुलाई को स्नान-ध्यान के बाद पारण कर सकते हैं। पारण करने से पहले अन्न का दान अवश्य करें।

योग

योगिनी एकादशी तिथि पर त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। त्रिपुष्कर योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 42 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 03 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। जबकि, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 27 मिनट से हो रहा है। इस योग का समापन 03 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट पर होगा।

पंचांग

सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 27 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 02 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 46 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 07 मिनट से 04 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

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