हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत बहुत धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि यह भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। भगवान गणेश को शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस पवित्र दिन पर उनकी भाव के साथ उपासना करें। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त बप्पा की पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर साधक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही कठिन व्रत का पालन करते हैं। महीने में दो चतुर्थी मनाई जाती हैं, एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष के दौरान आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024) के नाम से जाना जाता है।
इस बार यह व्रत 10 जून, 2024 दिन सोमवार यानी की आज रखा जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार यह पर्व बेहद शुभ माना जा रहा है, ऐसे में इस दिन भाव के साथ बप्पा की आराधना करें।
शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 40 मिनट तक
रवि पुष्य योग – सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 40 मिनट तक।
भगवान गणेश पूजा मंत्र
- ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा
- ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्
विनायक चतुर्थी 2024 पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
- घर और पूजा कक्ष को अच्छी तरह से साफ करें।
- व्रत का संकल्प स्नान के बाद लें।
- व्रती पीले वस्त्र धारण करें।
- एक वेदी स्थापित करें और उसपर पीला वस्त्र बिछाएं।
- गणेश जी का अभिषेक करें।
- उन्हें लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
- पीले फूलों की माला और दूर्वा घास अर्पित करें।
- विनायक कथा का पाठ और गणेश मंत्रों का जाप करें।
- गणेश भगवान की आरती से पूजा को पूर्ण करें।
- शाम के समय चंद्र देव को अर्घ्य अवश्य दें।
- गणेश जी का आशीर्वाद लें।
- व्रती अगले दिन सुबह व्रत का पारण करें।