इन 05 शुभ योग में मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव के अनुज पुत्र भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही मनोवांछित वर की भी प्राप्ति होती है।

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 10 जून को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्यों में सिद्धि प्राप्ति के लिए व्रत-उपवास रखा जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक तंगी समेत सभी प्रकार के विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए साधक विनायक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें दुर्लभ ध्रुव योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 10 जून को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन चंद्र दर्शन का समय 02 घंटे 47 मिनट है। वहीं, चन्द्रास्त का समय रात 10 बजकर 54 मिनट पर है। साधक अपनी सुविधा अनुसार भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

शुभ योग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर धुव्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 48 मिनट तक है। ज्योतिष धुव्र योग को शुभ मानते हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 23 मिनट से हो रहा है। इन योग का समापन रात 09 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। विनायक चतुर्थी पर पुष्य नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

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