वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने का विधान प्राचीन समय से चला आ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि व्रत करने से पति की दीर्घ आयु होती है और रोगमुक्त जीवन होता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का बेहद खास महत्व है। पंचांग के अनुसार के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस तिथि पर सुहागिन महिलाएं व्रत और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ कार्य को करने से पति को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है और सुख-शांति में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वट सावित्री व्रत को करने से जातक को किस तरह के फायदे मिलते हैं।
मिलते हैं ये फायदे
वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने का विधान प्राचीन समय से चला आ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि व्रत करने से पति की दीर्घ आयु होती है और रोगमुक्त जीवन होता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके अलावा पत्नी को सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
वट सावित्री व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून, 2024 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन 06 जून को दोपहर 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदयातिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में वट सावित्री का व्रत 06 जून को रखा जाएगा।
करें ये उपाय
अगर आपके विवाह में कोई रुकावट आ रही है, तो वट सावित्री व्रत के दिन वट के पेड़ की उपासना करें और महादेव, मां पार्वती की भी पूजा करें। उन्हें सिंदूर अर्पित करें। साथ ही भगवान शिव और मां पार्वती से शीघ्र विवाह और मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से जल्द विवाह के योग बनते हैं।