24 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है। यह महीना 23 जून तक रहने वाला है। जेठ महीने में भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा का विधान है। ऐसे में आप शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ज्येष्ठ या जेठ के महीने में रोजाना ये कार्य कर सकते हैं। इससे साधक को देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
करें इस मंत्र का जाप
ज्येष्ठ माह में रोजाना सुबह सूर्य को जल अर्पित करें। इसके साथ ही ऊं घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से साधक के लिए तरक्की के रास्ते खुलने लगते हैं। साथ ही किसी कार्य में आ रही बाधा भी दूर होती है।
मिलेगा मानसिक शांति
यदि आप तनाव की समस्या से ग्रस्त हैं, तो इसके लिए ज्येष्ठ माह में प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
ज्येष्ठ माह जिसे जेठ माह भी कहा जाता है, उसमें भीषड़ गर्मी पड़ती है। ऐसे में इस माह में राहगीरों को जल पिलाना बहुत ही पुण्य का कार्य माना जाता है। साथ ही इस कार्य से देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद भी आपके ऊपर बना रहता है।
करें इन चीजों का दान
ज्येष्ठ माह में दान करना भी अति लाभकारी बताया गया है। ऐसे में इस माह में तांबे से बनी चीजों और तिल का दान करना चाहिए। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, इन चीजों का दान करने से मंगल दोष दूर हो सकता है। इसके साथ ही जल से भरे घड़े, पंखे या फिर सत्तू का दान करना भी बहुत ही अच्छा माना जाता है।