हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक वट सावित्री का व्रत है। इस दिन का सुहागन महिलाओं के बीच बड़ा महत्व है। इस बार यह व्रत 6 जून, 2024 दिन गुरुवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से पति की उम्र बढ़ती है। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि का वास रहता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
वट वृक्ष न मिलने पर करें ऐसे पूजा
वट सावित्री वाले दिन वट वृक्ष की पूजा के बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। कई बार कुछ लोगों को यह वृक्ष मिलने में समस्या आती है। ऐसे में अगर आपको भी बरगद का पेड़ नहीं मिल पा रहा है, तो आप पहले से ही उसकी छोटी डाली या टहनी कहीं से काटकर मंगवा लें। या फिर स्वंय लेते आएं। इसके पश्चात विधि अनुसार उसकी पूजा करें। साथ ही सभी पूजा नियमों का पालन करें। ऐसा करने से आपकी पूजा पूर्ण मानी जाएगी। इसके साथ ही पूजा का पूरा फल भी प्राप्त होगा।
वट वृक्ष पूजन मंत्र
अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।
पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।
वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 05 जून, 2024 को शाम 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 06 जून को दोपहर 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए वट सावित्री का व्रत 06 जून को रखा जाएगा।