हर साल आषाढ़ माह में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस अवसर पर स्नान-दान और गुरु पूजा करने से जातक को जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही स्नान-दान जगत के पालनहार भगवान विष्णु और गुरु की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त अंधकार दूर होता है।
सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के त्योहार का अधिक महत्व है। हर साल यह पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 21 जुलाई रविवार को है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर स्नान-दान और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
गुरु पूर्णिमा 2024 डेट शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 05 बजकर 59 मिनट से होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 21 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट से होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Guru Purnima Puja Vidhi)
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत भगवान के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस समय निम्न मंत्र का जाप करें।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः
इसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और वेद व्यास जी को फूल, धूप, दीप, अक्षत, हल्दी आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें। सच्चे मन से गुरु चालीसा और गुरु कवच का पाठ करें। फल, मिठाई और खीर आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में प्रभु से जीवन में बुद्धि, विद्या और शांति की प्रार्थना करें। इस दिन गुरु की सेवा करना फलदायी होता है। श्रद्धा अनुसार गरीबों को अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।