जल्द ही जून माह की शुरुआत होने जा रही है। जून माह में दो बार पंचंक लगने जा रहा है इसलिए इस बार जून माह में 5 दिन से अधिक शुभ कार्यों की मनाही होगी। ऐसे में आइए जान लेगे हैं कि जून के महीने में कब-कब पंचक लगने जा रहा है ताकि उस दौरान गलतियां करने से बचा जा सके।
हिंदू धर्म में माना गया है कि पंचक के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पंचक को अशुभ दिनों में गिना जाता है और इस दौरान किए गए कार्यों का शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता। ऐसे में चलिए जानते हैं जून में पंचंक का समय और इससे जुड़े जरूरी नियम।
पंचक का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचक का आरंभ 29 मई, बुधवार के दिन रात्रि के 08 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। जो 03 जून, सोमवार के दिन रात्रि 01 बजकर 41 मिनिट तक रहने वाले हैं। वहीं, जून के अंत में यानी 26 जून, 2024 बुधवार के दिन पुनः पंचक की शुरुआत हो रही है, रात्रि 01 बजकर 50 मिनिट से 30 जून, 2024 वार रविवार प्रातः 07 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
इसलिए माना जाता है अशुभ
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक 27 दिनों के बाद पंचक लगते हैं। जब-जब चन्द्र ग्रह धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है, उस समय को पंचक कहा जाता है। इन सभी नक्षत्रों को पार करने में चंद्रमा को लगभग 5 दिन का समय लगता है, इसलिए इस अवधि को पंचक कहा जाता है। इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है।
न करें ये काम
मान्यताओं के अनुसार, पंचक के दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इसके साथ ही पंचक के दौरान पैसों के लेन-देन से जुड़े कार्य करने से भी बचना चाहिए। कई मान्यताओं के अनुसार, पंचक की अवधि में चारपाई बनवाने या छत ढलवाने जैसे कार्य करना भी अशुभ माना जाता है।
वहीं, पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से भी बचना चाहिए। लेकिन किसी कारणवश इस दिशा में यात्रा करनी भी पड़े, तो इससे पहले कुछ कदम पीछे मुड़ें और फिर दक्षिण दिशा में यात्रा शुरू करें।