हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज यानी 26 मई को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुखमय होता है।
सनातन धर्म में एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत का अधिक महत्व है। हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज यानी 26 मई को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान को सभी तरह के दुख और संकट से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा को विशेष चीजों का भोग लगाने से प्रभु प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को किन चीजों का भोग लगाना फलदायी होता है।
भगवान गणेश के भोग
- गणपति बप्पा को दूर्वा प्रिय है। अगर आप प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर दूर्वा अर्पित करें।
- भगवान गणेश के भोग में केले को शामिल करना अच्छा माना जाता है। चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा को केले का भोग लगा सकते हैं।
- अगर आपकी शादी में कोई बाधा आ रही है, तो चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा को मालपुए का भोग लगाएं। मान्यता है कि मालपुए का भोग लगाने से जल्द विवाह के योग बनते हैं।
- इसके अलावा भगवान गणेश के भोग में मिठाई, फल और खीर का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से प्रभु प्रसन्न प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भोग मंत्र
गणपति बप्पा को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र के द्वारा भगवान को भोग लगाते समय प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 04 बजकर 36 मिनट से होगी और वहीं, इसका समापन 27 मई को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई को किया जाएगा।