हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर ओडिशा के पूरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। इस रथ यात्रा की तैयारी बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है। सनातन शास्त्रों की मानें तो सतयुग के समय से रथ यात्रा निकाली जाती है। तत्कालीन समय में भगवान श्रीकृष्ण, नीलमाधव रूप में अवस्थित थे। उस समय से रथ यात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष 07 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होगी। ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पांच शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। आइए, शुभ योग के बारे में जानते हैं-
हर्षण योग
ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। वहीं, समापन 08 जुलाई को देर रात 02 बजकर 13 मिनट पर होगा।
पुष्य नक्षत्र
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष पुष्य नक्षत्र को बेहद शुभ मानते हैं। इस नक्षत्र का निर्माण पूर्ण रात्रि तक है।
रवि योग
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रवि योग का निर्माण पूरे दिन है। इस योग में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में रथ यात्रा निकाली जाएगी। यह योग पूरे दिन है।
शिववास
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शिववास का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव, जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ रहेंगे।