नौतपा के दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है और सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है। इस दौरान गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है। नौतपा को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। विज्ञान में भी बताया गया है कि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है जिससे तापमान में बढ़ोतरी होती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब ज्येष्ठ माह में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो इस अवधि को नौतपा कहा जाता है। इस दौरान गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है और सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है। ऐसे में पृथ्वी को पूरे तरीके से शीतलता नहीं मिलती और तापमान में अधिक वृद्धि होती है। इसलिए शास्त्रों में नौतपा की अवधि के दौरान पेड़-पौधे लगाने का अधिक महत्व बताया गया है। पेड़-पौधे लगाने से इंसान को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
नौतपा में लगाएं ये पेड़-पौधे
- सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का अधिक महत्व है। इसे पवित्र और पूजनीय पौधा माना जाता है। मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है। इसलिए घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
- आंवले का पेड़ जगत के पालनहार भगवान विष्णु का रूप माना गया है। इसलिए यह वृक्ष और इसका फल विष्णु जी का प्रिय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ की छाया में बैठकर भोजन करने से इंसान को सभी तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
- धार्मिक मान्यता है कि केले के पेड़ में श्री हरि, मां लक्ष्मी और गुरुदेव बृहस्पति का वास होता है। इसलिए इस पेड़ का प्रयोग शुभ और मांगलिक कार्यों में किया जाता है।
इस दिन शुरू होगा नौतपा
पंचांग के अनुसार, सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में 25 मई को प्रात 03 बजकर 16 मिनट पर प्रवेश करेंगे। जहां वह 08 जून को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट तक रहने वाले हैं। इसके पश्चात वह मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में 25 मई से नौतपा की शुरुआत होगी और 02 जून तक रहेगा।