मई महीने के मध्य यानी तीसरे सप्ताह में कई बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें प्रदोष व्रत छिन्नमस्ता जयंती नरिसंह जयंती बुद्ध और वैशाख पूर्णिमा समेत कई बड़े एवं प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। वैशाख पूर्णिमा तिथि पर साधक गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। आइए मई महीने के उत्तरार्ध में पड़ने वाले व्रत-त्योहार के बारे में जानते हैं।
मई महीने के उत्तरार्ध में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इस सप्ताह बुद्ध पूर्णिमा समेत कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे। शास्त्रों में निहित है कि वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। वहीं, वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध ने परिनिर्वाण किया। अतः वैशाख का महीना सनातन और बौद्ध धर्म के अनुयायी के लिए बेहद खास होता है। आइए, इस सप्ताह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में जानते हैं-
प्रमुख व्रत-त्योहार
- 21 मई को नरसिंह और छिन्नमस्ता जयंती है। भगवान नरसिंह, जगत के पालनहार भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं। हिरणकशिपु के संहार एवं भक्त प्रह्लाद की रक्षा हेतु अवतरित हुए थे। अतः हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती मनाई जाती है।
- 23 मई को कूर्म जयंती और बुद्ध पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन साधक प्रातः काल से गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही स्नान-ध्यान के बाद पूजा, जप-तप और दान पुण्य किया जाता है।
- 24 मई को नारद जयंती है। इस दिन देवर्षि नारद जी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नारद जी दुनिया के सबसे पहले पत्रकार थे। उन्होंने सवांद को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने कार्य किया। इसके लिए उन्हें आधुनिक समय में पत्रकार कहकर पुकारा जाता है।
- 26 मई को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विनायक देव की श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है।