21 मई को मनाई जाएगी नरसिंह जयंती

नरसिंह श्री हरि के चौथे अवतार हैं और उनका जन्म ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी दिति से हुआ था। बता दें नरसिम्हा देव को आधे मनुष्य और आधे शेर के रूप में दर्शाया गया है जो शक्ति और ज्ञान के संतुलन का प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि वह अपने भक्तों की रक्षा और बुरी ताकतों को नष्ट करने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे।

नरसिंह जयंती का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन साधक भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने इसी तिथि पर नरसिंह का अवतार लिया था। नरसिंह श्री हरि के चौथे अवतार हैं और उनका जन्म ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी दिति से हुआ था।

बता दें, नरसिम्हा देव को आधे मनुष्य और आधे शेर के रूप में दर्शाया गया है, जो शक्ति और ज्ञान के संतुलन का प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि वह अपने भक्तों की रक्षा और बुरी ताकतों को नष्ट करने के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए थे।

कब है नरसिंह जयंती 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 21 मई, 2024 दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 22 मई, 2024 को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए, इस साल नरसिंह जयंती 21 मई दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

नरसिंह जयंती 2024 पूजा विधि

इस दिन साधक सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर की सफाई करें। इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें। सबसे पहले एक वेदी पर भक्त भगवान नरसिंह की एक प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक करें। फिर चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाएं। फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं। श्री हरि के वैदिक मंत्रों का जाप करें। पूजा का समापन आरती से करें।

व्रती एक बार ही भोजन करें। अगले दिन मुहूर्त के अनुसार व्रत का पारण करें। तामिसक चीजों का सेवन भूलकर भी न करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करें।

19 मई का राशिफल
नरसिंह जयंती पर करें इस स्तोत्र का पाठ

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