इस महीने वैशाख पूर्णिमा 23 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि पर लोग कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसका उपवास रखने से जीवन के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन करते हैं तो आपको इससे जुड़े नियम जरूर जानने चाहिए।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और चंद्रमा भगवान की पूजा करते हैं। इस महीने वैशाख पूर्णिमा 23 मई, 2024 को मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि पर लोग कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं, जिसकी वजह से यह दिन और भी खास बन जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इसका उपवास रखने से जीवन के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन करते हैं, तो आपको इससे जुड़े नियम जरूर जानने चाहिए।
वैशाख पूर्णिमा व्रत के लाभ
- पूर्णिमा हर माह में एक बार आती है।
- पूर्णिमा सुख, शांति, वैभव और समृद्धि का प्रतीक है।
- पूर्णिमा का उपवास रखने से शरीर और मन पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
- इस व्रत के माध्यम से मन और शरीर को आराम करने का अवसर मिलता है।
- पूर्णिमा के दिन कई प्रकार के अध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
- इस दिन पूजा-अर्चना करने से घर में शुभता आती है।
- इस व्रत के प्रभाव से चंद्रमा मजबूत होता है।
- यह व्रत परम कल्याणकारी माना गया है।
कब है वैशाख पूर्णिमा 2024?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 मई, 2024 दिन बुधवार शाम 06 बजकर 47 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 23 मई, 2024 दिन गुरुवार शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए वैशाख पूर्णिमा 23 मई, 2024 को मनाई जाएगी।