नौतपा के दौरान इस विधि से चढ़ाएं भगवान सूर्य को जल

नौतपा साल के वो नौ दिन होते हैं जब बहुत ज्यादा गर्मी होती है। सनातन धर्म में इस अवधि का बड़ा महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नौतपा 25 मई को शुरू और 2 जून को समाप्त होंगे। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही दान और पुण्य भी जरूर करना चाहिए।

नौतपा की अवधि हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। इस साल नौतपा 25 मई से शुरू और 2 जून को समाप्त होंगे। यह साल भर के सबसे गर्म नौ दिन माने जाते हैं। इसलिए इस दौरान कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इस प्रचंड गर्मी से राहत पाने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।

वहीं, इन दिनों भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में सूर्य देव को प्रतिदिन जल चढ़ाएं। साथ ही उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें।

इस विधि से सूर्य देव को चढ़ाएं जल

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • इसके बाद जल के लिए एक तांबे का लोटा लें।
  • तांबे के लोटे में जल, कुछ फूल, अक्षत, गुड़, रोली इत्यादि चीजें मिला लें।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाएं।
  • सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय माना गया है।
  • इसलिए सूर्योदय के दौरान जल चढ़ाने की कोशिश करें।
  • जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें।
  • भाव के साथ सूर्य नमस्कार करें।
  • अर्घ्य देते समय जूते या चप्पल न पहनें।
  • अंत में सम्मान और विनम्रता के साथ झुककर प्रार्थना समाप्त करें।
  • पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे।

भगवान सूर्य अर्घ्य मंत्र

  • ॐ आदित्याय नम:
  • सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।
  • विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।
  • ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।
  • गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
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