आचार्य चाणक्य की इन बातों को कर लें आत्मसात

आचार्य चाणक्य के विचारों का पालन कर व्यक्ति अल्प समय में ऊंचा मुकाम हासिल कर सकता है। प्राचीन समय में चन्द्रगुप्त मौर्य ने आचार्य चाणक्य की बातों को आत्मसात कर मौर्य वंश की स्थापना की थी। तत्कालीन समय में आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य (चन्द्रगुप्त और बिंदुसार के शासनकाल में) के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य के विस्तार में अहम भूमिका निभाई।

आचार्य चाणक्य अपनी रचना ‘नीति शास्त्र’ और ‘अर्थशास्त्र’ के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनके विचारों का पालन कर व्यक्ति अल्प समय में ऊंचा मुकाम हासिल कर सकता है। प्राचीन समय में चन्द्रगुप्त मौर्य ने आचार्य चाणक्य की बातों को आत्मसात कर मौर्य वंश की स्थापना की थी। तत्कालीन समय में आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य (चन्द्रगुप्त और बिंदुसार के शासनकाल में) के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने मौर्य साम्राज्य के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। आचार्य चाणक्य ने अपनी रचना ‘नीति शास्त्र’ में यह बताया है कि जीवन को कैसे खुशहाल बनाया जा सकता है। अगर आप भी अपने जीवन में सुखी और प्रसन्न रहना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर आत्मसात करें।

नीति शास्त्र

  • कोई आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता है। अगर आप विषम परिस्थिति में भी धैर्यवान बने रहते हैं और अपना चित्त श्रीहरि में लगाए रहते हैं।
  • अगर जीवन में स्वर्ग समान सुख पाना चाहते हैं, तो माता-पिता की खूब सेवा करें। इस कार्य के बाद आपको मंदिर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • पूर्व जन्मों के कर्मों के चलते व्यक्ति को दुख का भागी बनना पड़ता है। इस दुख को मंत्र जप कर कम और समाप्त किया जा सकता है।
  • क्रोध से बने काम बिगड़ जाते हैं। अतः क्रोध को जीतने का प्रयास करें। क्रोध में समस्त पुण्यों को क्षीण करने की शक्ति होती है। क्रोध करने के बजाय चिंतन करें।
  • वर्तमान समय में भले ही आप धनवान नहीं है, लेकिन प्रभु पर आश्रित रहने पर एक दिन आप जरूर धनवान बनेंगे। भगवान द्वारा प्रदत्त धन और संपत्ति कभी नष्ट नहीं होती है। अतः दुख की घड़ी में धैर्यवान बने रहें।
  • काम, क्रोध और लोभ से ग्रस्त होकर आप दुखी रहते हैं। दुखी व्यक्ति चाहकर भी विषम परिस्थिति से बाहर नहीं निकल सकता है।
  • व्यक्ति विशेष के कार्य पर ध्यान देकर आप अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर रहे हैं। जीवन कर्म करने हेतु मिला है। इसके लिए कर्म पथ पर उद्धत रहें।
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