बगलामुखी जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई को मनाई जाएगी। इस दिन लोग मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं। बता दें मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या की देवी हैं तो चलिए इनकी पूजन विधि को जानते हैं।
बगलामुखी जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या की देवी हैं। ऐसी मान्यता है, देवी की पूजा करने से शत्रुओं को नियंत्रित और परास्त करने की शक्ति मिलती है। वहीं, इस दिन लोग मां की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, बगलामुखी जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इसकी पूजन विधि को जानते हैं।
कब है बगलामुखी जयंती 2024?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई, 2024 दिन बुधवार को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 16 मई, 2024 दिन गुरुवार सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस साल बगलामुखी जयंती 15 मई को मनाई जाएगी। साथ ही इसी दिन मासिक दुर्गाष्टमी भी है।
देवी बगलामुखी की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें
- पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- एक वेदी पर पीला वस्त्र बिछाकर देवी बगलामुखी की प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से प्रतिमा को साफ करें।
- देवी को कुमकुम का तिलक लगाएं।
- पीले फूलों की माला अर्पित करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- पीली मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- बगलामुखी कवच एवं स्तोत्र का पाठ करें।
- पूजा का समापन आरती से करें।
- पूजा के दौरान हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
- इस दिन तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी न करें।
- ज्यादा से ज्यादा धर्म-कर्म करें।