इस साल वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) 4 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस बार यह दिन बेहद शुभ माना जा रहा है क्योंकि ज्योतिष की दृष्टि से इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है। यह दिन श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। वैशाख मास में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है, जो साधक इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें धन और वैभव का वरदान मिलता है। इसके अलावा घर खुशियों से भरा रहता है।
इस साल यह एकादशी 4 मई, 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं, इस शुभ तिथि पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। कहा जा रहा है इस दौरान पूजा करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं, तो आइए उन योग के बारे में जानते हैं –
इन शुभ योगों में करें भगवान विष्णु की पूजा
वैदिक पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष की दृष्टि से ये सभी योग बेहद शुभ माने गए हैं। ऐसा कहा जाता है अगर इस दौरान प्रभु विष्णु की पूजा की जाए, तो व्रत का पूरा फल मिलता है। साथ ही भाग्योदय भी होता है। वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग प्रातः 4 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, इसका समापन शाम 5 बजकर 12 मिनट पर होगा। इसके साथ ही इंद्र योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा वैधृति योग प्रात: 8 बजकर 24 मिनट से एकादशी तिथि के समाप्त होने तक रहेगा।
इस दिन रखा जाएगा वरुथिनी एकादशी 2024 का उपवास
इस साल वरुथिनी एकादशी का उपवास 4 मई, 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 03 मई, 2024 दिन शुक्रवार को रात्रि 11 बजकर 24 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 4 मई, 2024 दिन शुक्रवार को रात्रि 08 बजकर 38 मिनट पर होगा। उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।