वैशाख माह की अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाना पितृ तर्पण पिंड दान हवन और ब्राह्मणों को भोजन कराने जैसे धार्मिक कार्य शुभ माने गए हैं। ज्योतिष के अनुसार यह समय बहुत शक्तिशाली होता है क्योंकि यह चंद्रमा को समर्पित है और इस दिन चंद्रमा अपने अस्त काल में होता है आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं –
वैशाख माह की शुरुआत हो चुकी है। इस माह में आने वाली अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। इस दिन पितरों की पूजा होती है। अमावस्या हर महीने आती है। इस दिन विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि इस तिथि में पवित्र गंगा नदी में पवित्र स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा, पिंड दान, हवन और ब्राह्मणों को भोजन कराने जैसे धार्मिक कार्य शुभ माने गए हैं।
ज्योतिष के अनुसार, यह समय बहुत शक्तिशाली होता है, क्योंकि यह चंद्रमा को समर्पित है और इस दिन चंद्रमा अपने अस्त काल में होता है। और यह तिथि उन लोगों के लिए अशुभ मानी जाती है, जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब होती है, जब यह दिन इतना करीब है, तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
कब है वैशाख अमावस्या 2024 ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 07 मई, 2024 दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 40 पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 08 मई बुधवार सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए वैशाख अमावस्या 8 मई बुधवार को होगी और दर्श अमावस्या 7 मई को है।
वैशाख अमावस्या, 2024 स्नान-दान का समय
वैशाख अमावस्या पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है। इस दिन दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही पापों का नाश होता है। ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त का स्नान सबसे उत्तम होता है। ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इसके बाद लाभ-उन्नति मुहूर्त प्रातः 05 बजकर 35 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। फिर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त प्रातः 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।