ज्योतिषियों की मानें तो अक्षय तृतीया पर मंगलकारी सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से हो रहा है। वहीं इस योग का समापन 11 मई को सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक है। सोने की खरीदारी आप सुकर्मा योग में कर सकते हैं। ज्योतिष रवि और सुकर्मा योग को शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानते हैं।
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो अक्षय तृतीया के दिन बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। यह दिन स्वर्ण क्रय के लिए जाना जाता है। अतः लोग अक्षय तृतीया पर अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार सोने की खरीदारी करते हैं। इस दिन सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 10 मई को अक्षय तृतीया है। ज्योतिषियों की मानें तो अक्षय तृतीया पर मंगलकारी सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई अन्य शुभ योग बन रहे हैं। आइए, इन योग के बारे में विस्तार से जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 11 मई को देर रात 02 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। अक्षय तृतीया के दिन पूजा हेतु शुभ समय सुबह 05 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। वहीं, सोने की खरीदारी हेतु कई शुभ योग बन रहे हैं।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो अक्षय तृतीया पर मंगलकारी सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 11 मई को सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक है। सोने की खरीदारी आप सुकर्मा योग में कर सकते हैं। वहीं, रवि योग दिन भर है। ज्योतिष रवि और सुकर्मा योग को शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानते हैं। साथ ही अक्षय तृतीया पर रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। जबकि, दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक तैतिल करण का योग बन रहा है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है। कुल मिलाकर कहें तो अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने समेत शुभ कार्य करने हेतु कई शुभ संयोग बन रहे हैं।