वासुकि नाग का वर्णन कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। वासुकि नाग का संबंध भगवान शिव से माना जाता है वहीं इसका वर्णन समुद्र मंथन के दौरान भी मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नागराज वासुकि सबसे शक्तिशाली नागों में से एक माने जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार वासुकि नाग कौन थे और उनका वर्णन कहां-कहां मिलता है।
हाल ही में नाग का विशाल अवशेष मिला है, जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित वासुकि नाग के आधार पर “वासुकि इंडिकस” नाम दिया गया है। इसके साथ ही सनातन धर्म के ग्रंथों में नागराज वासुकि की अनेक कथाएं मिलती हैं।
यहां मिलता है वर्णन
वासुकि नाग, वही नाग है जो भगवान शिव के गले में विराजमान है। इसे शिव का प्रिय सेवक माना जाता है, साथ ही सांपों का राजा भी कहा जाता है। अमृत को लेकर देवताओं और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन के दौरान रस्सी की जगह वासुकि को ही मेरु पर्वत पर बांधकर समुद्र मंथन किया गया था।
कई मान्यताओं के अनुसार, वासुकि को शेषनाग का भाई भी माना गया है। यह भी माना जाता है कि जब वासुदेव श्री कृष्ण को नंद बाबा के पास ले जाने के लिए टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर रहे थे, तब बरसात और भयंकर तूफान से वासुकि नाग ने ही श्रीकृष्ण की रक्षा की थी।
मत्स्यावतार से भी जुड़ा है संबंध
वासुकि नाग का संबंध भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से भी जुड़ा है। इस कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार ने एक राजा सत्यव्रत से कहा था, ‘प्रलय के समय तुम वासुकि नाग की सहायता से नाव को मेरे सींग से बांध देना, जिस पर वेद और जीवों समेत आप सवार हों। इससे सृष्टि की पुन: रचना हो सकेगी’।
कैसे बना चर्चा का विषय
हाल ही में गुजरात में खोजे गए फोसिल की पहचान पृथ्वी पर सबसे बड़े सांपों में से एक “वासुकि इंडिकस” के रूप में की गई है। इसकी लंबाई लगभग 36 से 50 फीट के बीच बताई जा रही है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका वजन 1 टन या 1,000 किलोग्राम तक रहा होगा। इस जीवाश्म को हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित सांप राजा वासुकि के आधार पर नाम दिया गया है।