हिंदी कैलेंडर के अनुसार, गुड़ी पड़वा का त्योहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन लोग नए वस्त्र धारण करते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। इस विशेष अवसर पर भगवान विष्णु के साथ-साथ ब्रह्मा जी की भी पूजा की जाती है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं गुड़ी पड़वा की पूजा विधि।
गुड़ी पड़वा शुभ मुहूर्त (Gudi Padwa Shubh Muhurat)
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट पर प्रारम्भ हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 09 अप्रैल को रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में गुड़ी पड़वा का त्योहार 09 अप्रैल मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।
गुड़ी पड़वा पूजा विधि (Gudi Padwa Puja vidhi)
सबसे पहले गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करलें। इसे बाद पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद घर के मुख्य द्वार को आम के पत्ते की तोरण लगाएं और घर को रंगोली से सजाएं। अब घर के किसी एक हिस्से में गुड़ी लगाएं और उसे फूलों से सजाएं। गुड़ी पड़वा के दिन पूरे परिवार के साथ विधि- विधान पूर्वक ब्रह्मा जी पूजा करें। तत्पश्चात गुड़ी फहराने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।
गुड़ी लगाने का सही तरीका
गुड़ी लगाने के लिए सबसे पहले घर मुख्य द्वार पर एक खंभे में पीतल का लोटा उल्टा रखकर इसमें रेशम के लाल, केसरिया और पीला वस्त्र बांधें। फिर गुड़ी को फूलों और नीम के पत्तों से सजाएं। इस बात का ध्यान रखें कि गुड़ी को थोड़ा झुका हुआ रखा जाता है। इसके बाद पूजा कर गुड़ी को लहराया जाता है।