क्यों लगाया जाता है मां शीतला को बासी खाने का भोग? जानें

शीतला सप्तमी का दिन मां शीतला को समर्पित है। यह दिन चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह व्रत 1 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार यानी आज रखा जा रहा है। शीतला माता का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त इस शुभ दिन पर कठिन व्रत का पालन करते हैं और उनकी विशेष पूजा करते हैं। शीतला सप्तमी का पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है।

शीतला सप्तमी तिथि और पूजा मुहूर्त

  • सप्तमी तिथि की शुरुआत – 31 मार्च, 2024 रात्रि 09 बजकर 30 मिनट से
  • सप्तमी तिथि का समापन – 1 अप्रैल, 2024 – रात्रि 09 बजकर 09 मिनट पर
  • पूजा मुहूर्त – 1 अप्रैल, 2024 – सुबह 05 बजकर 40 मिनट से शाम 06 बजकर 01 मिनट तक।

क्यों लगाते हैं मां शीतला को बासी खाने का भोग?

ऐसा कहा जाता है कि शीतला सप्तमी सर्दियों के खत्म होने का प्रतीक है। यह सर्दी के मौसम का आखिरी दिन माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर मां शीतला को बासी खाने का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे मां खुश होती हैं और अपने भक्तों सुख-शांति, आरोग्य मुक्ति का वरदान देती हैं। ये भी कहा जाता है कि मां शीतला की पूजा से निरोगी काया का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शीतला सप्तमी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • अपने घर और पूजा कक्ष की सफाई करें।
  • गंगाजल से स्नान करवाएं
  • कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • मां शीतला को सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
  • देवी शीतला को मालपुआ, हलवे आदि का भोग लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • शीतला चालीसा का पाठ करें।
  • आरती के साथ पूजा पूर्ण करें।
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