मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान कृष्ण के लिए उपवास रखते हैं और उनके लड्डू गोपाल स्वरूप की विधि अनुसार पूजा करते हैं। मासिक जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
इस माह यह 1 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार यानी आज मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन श्री कृष्ण की पूजा सच्चे दिल से करते हैं उनके सभी कष्टों का अंत हो जाता है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा नियम
भक्त सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद कृष्ण का आशीर्वाद लेकर व्रत का संकल्प लें। एक वेदी पर भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से उनको स्नान करवाएं। गोपी चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं। माखन-मिश्री का भोग लगाएं। पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें। भगवान कृष्ण के वैदिक मंत्रों का जाप करें। आरती के साथ अपनी पूजा को पूर्ण करें। अंत में शंखनाद करें। फिर पूजा में हुई गलती के लिए माफी मांगे। अगले दिन भगवान कृष्ण के भोग से अपना व्रत खोलें।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कथा
श्री कृष्ण के जन्म के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण वासुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं और उनसे पहले, अन्य सभी सात पुत्रों को असुर राजा कंस ने मार डाला था। ऐसा कहा जाता है कि जब गिरधारी का जन्म हुआ तो जेल के सभी ताले अपने आप खुल गए थे और सभी पहरेदार सो गए थे।
इसके बाद उनके पिता वासुदेव उन्हें लेकर नंद गांव पहुंचे और अपने लल्ला को नंद बाबा को सौंप दिया। अंतत: कृष्ण ने कंस का वध कर प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। बता दें, कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।