मासिक दुर्गाष्टमी का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा-व्रत करने का विधान है। देवी दुर्गा शक्ति का प्रमुख रूप हैं, जिनकी पूजा करने से जीवन में समृद्धि का आगमन होता है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक उनकी पूजा सच्चे दिल से करते हैं मां उनके ऊपर अपनी पूर्ण कृपा बनाई रखती हैं। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
इस माह यह व्रत 17 मार्च, 2024 यानी आज रखा जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए पूरे दिन का कठोर उपवास रखते हैं। बता दें, इस व्रत से विभिन्न धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है, तो आइए जानते हैं –
मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा की रचना त्रिमूर्ति यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा की गई थी। शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन देवी दुर्गा को उनके अंतर शक्ति का अहसास हुआ था। इस त्योहार पर साधक देवी की पूजा करते हैं और उनसे दिव्य सुरक्षा, समृद्धि, सफलता, खुशी और शांति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्र के दौरान आने वाली दुर्गा अष्टमी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का ऐसे करें पारण
दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठें और फूल, चंदन धूप, कुमकुमा, फल, मिठाई आदि सहित कई प्रसाद चढ़ाकर देवी की विधिपूर्वक पूजा करें। इस दिन मां जगदंबा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। संध्या के समय दुर्गाष्टमी व्रत कथा और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें। साथ ही पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन सुबह पूजा के बाद मां दुर्गा के प्रसाद से अपना व्रत खोलें।