फाल्गुन पूर्णिमा शुक्ल पक्ष के अंत में मनाई जाती है जो हिंदू पंचांग का आखिरी महीना भी है। इस साल यह 25 मार्च को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से जीवन में शुभता आती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन बेहद जरूरी।
सनातन धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा का खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब और अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा इस दिन दान और पुण्य का भी महत्व है।
वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन बेहद जरूरी। बता दें, इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च को मनाई जाएगी।
फाल्गुन पूर्णिमा में क्या करें
- श्रद्धा और समर्पण के साथ पूर्णिमा का व्रत रखें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें।
- इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा का भी विधान है।
- इस दिन श्रीहरि को खीर का भोग लगाना पुण्यदायी माना जाता है।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- इस दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- इस दिन गुलाल का दान करें।
- पूर्णिमा के दिन सात्विक चीजों का सेवन करें।
- इस शुभ दिन पर असहाय लोगों की मदद करें।
फाल्गुन पूर्णिमा में क्या न करें
- इस शुभ दिन पर भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे – अंडा, प्याज, लहसुन और मांस नहीं खाना चाहिए।
- इस दिन शराब का सेवन करने से बचें।
- इस दिन अपने बाल और नाखून न काटें।
- पूर्णिमा के दिन अपने प्रिय व जीवनसाथी के साथ विवाद करने से बचें।
- इस दिन जुए में शामिल होना अशुभ माना जाता है।
- इस दिन मां का अपमान करने से जीवन में अशुभता आती है।
चंद्र देव नमस्कार मंत्र
दधिशंख तुषाराभं क्षीरॊदार्णव संभवम्।
नमामि शशिनं सॊमं शम्भोर्मकुट भूषणम्॥