फाल्गुन माह में आने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान श्री हरि और पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके अलावा पूजा और गंगा स्नान-दान करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पितृ प्रसन्न होते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि कोई इंसान किसी वजह से पितृ पक्ष के दौरान पितरों को तर्पण नहीं कर पाया है, तो फाल्गुन अमावस्या के दिन तर्पण कर सकता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण तरह से करना फलदायी होता है।
फाल्गुन अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या तिथि की शुरुआत 9 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 17 मिनट से हो गई है और इसका समापन 10 मार्च को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या आज यानी 10 मार्च को मनाई जा रही है।
पितृ तर्पण विधि
धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या के अवसर पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना बेहद शुभ होता है। ज्योतिष शास्त्र में वर्णन देखने को मिलता है कि अमावस्या के दिन विशेष उपाय करके पितृदोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। अब एक लोटे में जल, फूल और तिल डाल लें। इसके पश्चात सच्चे मन से पितरों को जल अर्पित करें। अब गाय के गोबर निर्मित उपला या कंडा, खीर, गुड़ और घी डालकर चढ़ाएं। इसके अलावा आप इस दिन विशेष चीजों का दान भी कर सकते हैं।
पितृ दोष से बचाव का मंत्र
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्’
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्