इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पाक माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान का महीना नौवां महीना होता है, जिसे सबसे पवित्र और खास माना जाता है। इस पूरे महीने मुसलमान सुबह से लेकर शाम तक यानी सूर्योदय होने से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं।
कब रखा जाएगा पहला रोजा
कैलेंडर का आठवें महीने, यानी शाबान महीने के आखिरी दिन हिलाल अर्थात वर्धमान चांद देखने के बाद रमजान की शुरुआत मानी जाती है। सबसे पहले सऊदी अरब में रमजान या फिर ईद का चांद दिखाई देता है। ऐसे में भारत में इस साल रमजान की तारीख 11 या 12 मार्च को शुरू होने की उम्मीद है। अगर 11 मार्च को चांद नजर आता है, तो ऐसे में 12 मार्च को पहला रोजा रखा जा सकता है।
इसलिए खास है रमजान
भारत में रमजान की शुरुआत 11 मार्च, सोमवार के दिन से हो रही है। वहीं, इसका समापन 10 अप्रैल, बुधवार के दिन होगा। रमजान में रोजा रखने वाले लोगों को रोजेदार कहा जाता है। रोजेदार सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूरे एक महीने का रोजा रखते हैं। इस दौरान रोजाना रात को नमाज अदा की जाती है। इफ्तार के समय तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं और रोजेदार को परोसे जाते हैं। यह महीना अच्छे कर्म करने के लिए समर्पित माना जाता है और इस दौरान ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताया जाता है।
इसलिए किए जाते हैं रोजे
इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में मुसलमानों की प्रमुख किताब यानी कुरान, पैगंबर मोहम्मद पर नाज़िल (अवतरित) हुआ था। मुस्लिम ग्रंथों में माना गया है कि रमजान के महीने में अगर सच्चे और पाक दिल से दुआ मांगी जाए, तो अल्लाह सभी दुआएं पूरी करते हैं। साथ ही सारे गुनाह भी माफ हो जाते हैं।