जानकी जयंती हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह दिन देवी सीता को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता सीता की पूजा करने से जीवन के कष्टों का अंत होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। हर साल जानकी जयंती फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
इस साल जानकी जयंती 4 मार्च 2024 यानी आज मनाई जा रही है। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं –
जानकी जयंती का महत्व
इस दिन को सीता अष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है। मां सीता देवी लक्ष्मी का अवतार हैं। वे उन लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं, जिन्होंने अपना जीवन पवित्रता और अपार भक्ति की मूर्ति के रूप में जिया है। वह एक महिला के संघर्ष का प्रतिनिधित्व भी करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भक्ति भाव के साथ पूजा करने से स्वास्थ्य, धन और खुशी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जानकी जयंती पारण नियम
- इस दिन भक्त अत्यधिक श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं।
- सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
- एक लकड़ी की चौकी पर राम दरबार की प्रतिमा स्थापित करें।
- शुद्ध देसी घी का दीया जलाएं।
- कुमकुम,चंदन का तिलक लगाएं।
- फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
- रामायण का पाठ करें।
- अंत में आरती से अपनी पूजा को पूरा करें।
- अपने व्रत का पारण प्रसाद से करें।
रामचरितमानस चौपाई
- सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥
- बिनु सत्संग विवेक न होई।राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।पारस परस कुघात सुहाई॥