सनातन धर्म में भानु सप्तमी का अधिक महत्व है। यह हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार फाल्गुन महीने में 03 मार्च को भानु सप्तमी है। इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे- रथ सप्तमी और अचला सप्तमी। इस विशेष तिथि पर भगवान सूर्य देव की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। इसके अलावा पूजा, जप-तप और दान करने का भी विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भानु सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक को कारोबार में सफलता प्राप्त होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है। आइए जानते हैं भानु सप्तमी की पूजा विधि के बारे में।
भानु सप्तमी पूजा विधि
भानु सप्तमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे और दिन की शुरुआत भगवान सूर्य देव और देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। मंदिर की साफ-सफाई करें। अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान इस मंत्र का जाप करें।
-एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते ।
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।
-ॐ भूर्भुवः स्वःतत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
जल देते समय काले तिल प्रवाहित करें। भगवान सूर्य को पीले रंग का फूल और जौ अर्पित करें। इसके पश्चात दीपक जलाएं और आरती करें। साथ ही सच्चे मन से सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें। अंत में सुख-समृद्धि की कामना करें। सूर्य देव को फल और मिठाई का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें। अगर आप सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्रद्धा अनुसार गरीबों को विशेष चीजों का दान करें।