सनातन धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य देव माना गया है। क्योंकि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। हर महीने में दो चतुर्थी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह तिथि 28 फरवरी को है। इस विशेष तिथि पर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को विशेष चीजों का भोग लगाने से पूजा सफल होती है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को किन चीजों का भोग लगाना फलदायी होता है।
लगाएं ये भोग
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने के बाद उन्हें प्रिय चीजों का भोग लगाएं। भगवान गणेश जी के भोग में मोदक को शामिल करें। मान्यता है कि इससे साधक को भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। भगवान गणेश जी को लड्डू प्रिय है। भोग में मोतीचूर, तिल और बेसन के लड्डू को भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा खीर, फल और मिठाई का भोग लगाना फलदायी होता है और भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
भोग मंत्र
गणपति बप्पा को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करना
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र के द्वारा भगवान को भोग लगाते समय प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 फरवरी को रात 01 बजकर 53 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 29 फरवरी को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी, बुधवार के दिन किया जाएगा।