बेहद कल्याणकारी है 10 महाविद्याओं की पूजा

माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 10 फरवरी, 2024 यानी आज से हो गई है। यह पर्व मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक मां की 10 महाविद्या की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें तंत्र और मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है। तो आइए इनके नाम का महत्व जानते हैं –

दस महाविद्याओं के नाम का महत्व

देवी काली

मां काली दस महाविद्याओं में प्रथम हैं। गुप्त शत्रुओं, बुरी आत्माओं और काले जादू के विनाश के लिए उनकी पूजा की जाती है। देवी काली की आराधना से तांत्रिक विद्याओं में सिद्धि प्राप्त होती है।

देवी तारा

देवी तारा को तारिणी भी कहा जाता है, जो साधक उनकी पूजा भक्ति भाव के साथ करते हैं। उनके सभी कष्टों का अंत हो जाता है।

देवी त्रिपुर सुंदरी

देवी त्रिपुर सुंदरी की पूजा बेहद कल्याणकारी मानी गई है। उनकी पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सौभाग्य, धन और खुशी का आशीर्वाद मिलता है।

देवी भुवनेश्वरी

ऐसा माना जाता है कि देवी भुवनेश्वरी वह हैं, जो तीनों लोकों का मार्गदर्शन करती हैं, उनकी तीन आंखें हैं और देवी की पूजा करके कोई भी व्यक्ति सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकता है।

देवी भैरवी

देवी भैरवी मां दुर्गा का उग्र रूप हैं। भक्त शक्ति, सुरक्षा और सफलता पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं।

देवी छिन्नमस्ता

देवी छिन्नमस्ता भय और अवसाद को दूर करने में मदद करती हैं। लोग शत्रुओं से छुटकारा पाने, नौकरी, प्रमोशन और धन पाने के लिए इनकी पूजा करते हैं।

देवी धूमावती

देवी धूमावती की पूजा करने से लोगों को सभी प्रकार के दुर्भाग्य और दुखों से मुक्ति मिल जाती है।

देवी बगलामुखी

देवी बगलामुखी भक्तों को उनके शत्रुओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती हैं। साथ ही वे भक्तों को सुरक्षा भी प्रदान करती हैं।

देवी मातंगी

देवी मातंगी को तांत्रिक सरस्वती के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से ज्ञान और बुद्धि प्राप्ति होती है।

देवी कमला

देवी कमला की पूजा शास्त्रों में बहुत ही शुभ मानी गई है। उनकी पूजा से धन, समृद्धि और विकास का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बसंत पंचमी के दिन करें मां सरस्वती स्तोत्र का पाठ
नव विवाहित जोड़े को दें ये गिफ्ट, खुशियों के साथ होगी नए जीवन की शुरुआत!

Check Also

Varuthini Ekadashi के दिन इस तरह करें तुलसी माता की पूजा

 हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का व्रत …