विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में 10 फरवरी से गुप्त नवरात्रि की धूम देखने को मिलेगी. माता की आराधना और साधना करने के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. धार्मिक नगरी उज्जैन में कई ऐसे देवी स्थान हैं, जो तंत्र मंत्र की क्रिया के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां दूर-दूर से तांत्रिक व अघोरी गुप्त नवरात्रि में साधना करने आते हैं.
गुप्त नवरात्रि का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है. ये नौ दिन विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित हैं. साल में 4 बार नवरात्रि होती है, जब भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ देवी दुर्गा की पूजा करते हैं. इस काल में मां दुर्गा की गुप्त रूप से पूजा की जाती है और इसका सीधा संबंध तांत्रिक विद्या से होता है. सभी साधक और तांत्रिक इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं. सभी साधकों और तांत्रिकों के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान जैसे हवन, तांत्रिक मंत्र जप, साबर जप, ध्यान, हठ योग, सख्त उपवास आदि करके सिद्धि प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. यह एक अच्छा समय है.
गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट
मां दुर्गा की प्रतिमा, लाल रंग का कपड़ा और चुनरी, लाल चूड़ियां, सिन्दूर, हल्दी, आम के पत्ते, बत्ती, धूप, माचिस, चौकी, 2 नारियल, दुर्गासप्तशती किताब, कलश, चावल, कुमकुम, मौली, 16 श्रृंगार का सामान, दीपक, घी, फूल, लाल फूलों की माला, लौंग, कपूर, बताशे, पान, सुपारी, इलायची, फल, मिठाई, पंच मेवा, हवन सामग्री पैकेट, आम की लकड़ी, जौ, गंगा जी मिट्टी. इन सभी सामग्री को माता की पूजन में अवश्य शामिल करें. इससे माता की कृपा बरसेगी.
देवी दुर्गा ध्यान मंत्र
ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|
लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥
पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता।
प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता।।
पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत ।
प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत।