प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को इन चीजों का लगाएं भोग

प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में देवों के देव महादेव के संग मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। इस बार माघ माह के कृष्ण पक्ष में 7 फरवरी को प्रदोष व्रत है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव को विशेष चीजों का भोग लगाने से साधक का जीवन में सुखमय होता है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का अधिक महत्व है। प्रत्येक महीने में 2 बार प्रदोष व्रत आता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में देवों के देव महादेव के संग मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। इस बार माघ माह के कृष्ण पक्ष में 7 फरवरी को प्रदोष व्रत है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव को विशेष चीजों का भोग लगाने से साधक का जीवन में सुखमय होता है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को किन चीजों का भोग लगाना फलदायी होता है।

भगवान शिव के भोग
-प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में पूजा करने के बाद महादेव को खीर का भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को खीर अर्पित करने से घर में किसी तरह का कोई संकट नहीं आता है।

-इसके अलावा इस दिन सूजी या आलू का हलवा बनाकर भी भोग में शामिल कर सकते हैं। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच सदैव शांति बनी रहती है और साथ ही गृह क्लेश से छुटकारा मिलता है।

-प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ को शहद का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे ग्रह शांत होते हैं और इंसान को ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा आप भोग में सूखे मेवे को भी शामिल कर सकते हैं। ऐसा करने से धन का लाभ होता है।

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पूजा के दौरान भगवान महादेव को रोली, फूल, बेलपत्र, मिठाई, फल और पंचामृत आदि चीजें अर्पित करें।

गुप्त नवरात्रि में इन चीजों से करें मां की अराधना
बसंत पंचमी पर घर लाएं ये चीजें,हर कार्य में मिलेगी सफलता!

Check Also

जानें, कैसे पड़ा बाबा बर्फानी की गुफा का नाम अमरनाथ?

हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थस्थल अमरनाथ धाम (Amarnath Yatra 2024) है। धार्मिक मान्यता है कि …