तन, मन और आत्मा को पवित्र करता है गंगाजल

सनातन धर्म में माना गया है कि गंगा नदी में स्नान करने मात्र से ही मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।, इसलिए इसे पापमोचनी नदी भी कहा जाता है। पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में भी गंगाजल का इस्तेमाल पवित्रता बनाए रखने के लिए किया जाता है। ऐसे में यदि आप आपने घर में गंगाजल रखते हैं, तो इससे आपको कई लाभ देखने को मिल सकते हैं। लेकिन साथ ही आपको इसके नियमों का भी ध्यान रखना होगा।

मिलते हैं ये लाभ
गंगाजल न तो कभी खराब होता है और न ही अशुद्ध होता है। इसमें कभी कीड़े पैदा नहीं होते। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय घर में गंगाजल को छिड़कने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसे घर में रखने सभी तरह के संकट दूर बने रहते हैं। माना जाता है कि गंगाजल अगर सामान्य जल में डाला जाए, तो वह जल भी शुद्ध होकर गंगाजल के समान ही पवित्र हो जाता है।

घर में गंगाजल रखने के नियम
गंगाजल को बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति को इसे कभी भी इसे किसी गंदे या अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए। न ही इसे कभी भी बिना स्नान किए छूना चाहिए। इस बात का ध्यान भी जरूर रखें कि गंगाजल को कभी जूठे हाथ या फिर जूते-चप्पल पहनकर न छुएं। इस सब कार्यों को करने पर घर में गंगाजल रखने को कोई लाभ नहीं मिलता।

इन बातों का रखें ध्यान
घर में गंगाजल को तांबे या पीतल के लोटे या बर्तन में भरकर रखना ज्यादा शुभ माना जाता है। ज्यादातर लोग इसे प्लास्टिक की बोतल में भरकर रखते हैं, लेकिन ऐसा करना सही नहीं माना जाता। इसके साथ ही गंगाजल को अंधेरे वाली जगह पर बंद करके भी नहीं रखना चाहिए। वहीं, गंगाजल को ईशान कोण या पूजा घर में ही रखना उत्तम माना जाता है।

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