प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर पर कब और कैसे जलाएं राम ज्योति

अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज (22 जनवरी) अभिजीत मुहूर्त में होगी। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या नगरी समेत देश-विदेश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दोपहर में प्राण प्रतिष्ठा की प्रकिया पूरी होने के बाद संध्याकाल में राम ज्योति जलाई जाएगी। मिट्टी के दीपक में रुई और सरसों के तेल की मदद से राम ज्योति जलाएं।

अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आज (22 जनवरी) अभिजीत मुहूर्त में होगी। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या नगरी समेत देश-विदेश में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पूरी नगरी को श्रीरामोत्सव को लेकर खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। देश-विदेश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा को लेकर अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आज के दिन घर पर राम ज्योति जलाने का आग्रह किया है। दोपहर में प्राण प्रतिष्ठा की प्रकिया पूरी होने के बाद संध्याकाल में राम ज्योति जलाई जाएगी। अगर आप घर पर प्राण प्रतिष्‍ठा के दिन राम ज्योति जलाने की सोच रहे हैं, तो इससे पहले आपको इसके नियमों के बारे में पता होना बेहद आवश्यक है। चलिए आपको बताते हैं कि राम ज्योति किस समय और कैसे जलाएं और इसके मंत्र क्या है।

राम ज्योति किस समय और कैसे जलाएं?

प्राण प्रतिष्ठा के दिन शाम को राम ज्योति जलाई जाएगी। अगर आप राम ज्योति जलाने की सोच रहे हैं, तो आप घी का दीपक भी जलाना चाहते हैं, तो ये भी उत्तम है।

आप 1 या अपनी श्रद्धा अनुसार दीपक तैयार कर सकते है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि राम ज्योति का दीपक पूरी रात जलना चाहिए। मान्यता है कि इससे प्रभु श्रीराम की कृपा परिवार के सदस्यों को प्राप्त होगी और जीवन में सुख-शांति का आगमन होगा।

राम ज्योति को जलाते समय निम्न मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है।

‘शुभम करोति कल्याणम,आरोग्यम धन संपदाम, शत्रु बुद्धि विनाशय, दीपम ज्योति नमोस्तुते’।

राम ज्योति का दीया कहां रखें?

राम ज्योति को घर के मंदिर में रखें। इसके अलावा आप 5 दीपक तैयार कर रसोई में, घर के मुख्य द्वार, आंगन और तुलसी के पौधे के पास रख सकते हैं।

प्राण प्रतिष्‍ठा विधि

भगवान की प्रतिमा को पवित्र नदी या गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद प्रतिमा को कपड़े से पोंछकर नए वस्त्र पहनाएं। फिर मूर्ति को स्थापित कर चंदन लगाएं। अब प्रतिमा का श्रृंगार करें। अब विशेष मंत्रो का जाप कर विधिपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा करें। इसके पश्चात भगवान की आरती कर भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें। अब लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

प्राण प्रतिष्ठा क्या है?

ज्योतिषियों के अनुसार, घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना के दौरान प्रतिमा में भगवान की शक्तियों को प्रकाशमान करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। कहा जाता है कि मूर्ति स्थापना के दौरान प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद आवश्यक होता है। प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भगवान की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।

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