इस शुभ समय में की जाएगी रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा!

देशभर में उत्सव जैसा माहौल है। जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा वातावरण राममय हो चुका है। देशभर में मंदिर एवं मठों को भव्य तरीके से सजाया गया है। साथ ही मंदिर एवं मठों में विशेष पूजा का आयोजन किया गया है। रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु सात दिन पूर्व से ही अनुष्ठान किए जा रहे हैं।

भारतवर्ष के लिए पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी का दिन बेहद मंगलकारी है। इस दिन अयोध्या स्तिथ राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए भव्य तैयारियां की गई हैं। देशभर में उत्सव जैसा माहौल है। ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से पूरा वातावरण राममय हो चुका है। देशभर में मंदिर एवं मठों को भव्य तरीके से सजाया गया है। साथ ही मंदिर एवं मठों में विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है।

रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु सात दिन पूर्व से ही अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इसी क्रम में 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर में रमलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा दिवस पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि 22 जनवरी के दिन किस समय में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। आइए, प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ समय जानते हैं-

शुभ मुहूर्त एवं योग 

पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि संध्याकाल 07 बजकर 51 मिनट तक है। इसी तिथि पर रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन ब्रह्म, इंद्र योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त का निर्माण दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक है।

प्राण-प्रतिष्ठा शुभ समय

ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर अभिजीत मुहूर्त में अयोध्या स्थित रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मध्याह्न के समय अभिजीत मुहूर्त में भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ है। अतः अभिजीत मुहूर्त में मध्याह्न के समय ही रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर यह शुभ संयोग दोपहर 12 बजकर 29 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक है। इस अवधि में कुल 84 सेकंड तक मध्याह्न का समय है। इस समय में ही मर्यादा पुरुषोत्तम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।

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