7 मई को जरूर अपनाएं ये उपाय, घर में नहीं आएगी कभी कोई अड़चन

धार्मिक दृष्टि से एकादशी व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। महाभारत काल में स्वयं प्रभु श्री श्रीकृष्ण ने इस व्रत की अहमियत बताई है। प्रत्येक माह में दो एकादशी के व्रत होते हैं। प्रत्येक व्रत की अपनी अलग अहमियत है। एकादशी के सभी व्रत भगवान नारायण को समर्पित हैं। वैशाख के माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार वरुथिनी एकादशी 7 मई 2021 को पड़ रही है। प्रथा है कि ये एकादशी दरिद्रता तथा दुखों से छुटकारा दिलाने वाली होती है। जीवन में मृत्यु तुल्य कष्ट भी इस एकादशी का उपवास रखने से दूर हो जाता है। वरुथिनी एकादशी उपवास रखने वाले को वो पुण्य मिलता है जो कई सालों तक तप करने और कन्यादान से मिल पाता है। अगर आप भी जीवन में दुख, दरिद्रता तथा दुर्भाग्य से जूझ रहे हैं तो 7 मई को वरुथिनी एकादशी का उपवास रखने के साथ यहां बताए जा रहे उपाय करें। इनसे कई प्रकार की समस्यां दूर हो सकती हैं।

शादी की अड़चनें दूर करने के लिए:-
एकादशी के दिन पीले कपड़े पहनें। पीले रंग की ही चीजें फलाहार में लें। ईश्वर को पीली दाल तथा गुड़ का प्रसाद अवश्य लगाएं तथा किसी जरूरतमंद को पीली वस्तु या वस्त्र दान करें।

घर में बरकत के लिए:-
यदि घर में बरकत नहीं होती तो पीली सरसों के दाने घर के सभी कोनों में एकादशी के दिन डाल दें। द्वादशी के दिन उन दानों को जला दें। इससे घर की नकारात्मकता तथा बुरी नजर ख़त्म होगी। घर में बरकत होने लगेगी।

आर्थिक हालात सुधारने के लिए:-
यदि मन अशांत रहता है या किसी काम को करने का मन नहीं करता तो एकादशी के दिन तुलसी की माला धारण करें। बहुत शांति मिलेगी।

वरुथिनी एकादशी व्रत की पूजा, पारण, महत्व और कथा
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