सनातन धर्म में एकादशी का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है. मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने से सभी व्रतों का फल मिलता है. हर मास में दो एकादशी होती है. एक शुक्ल पक्ष की एकादशी और दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादशी.
कब है कामदा एकादशी
हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के ठीक बाद पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है इस बार यह एक कामदा एकादशी का व्रत 23 अप्रैल 2021 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होगा.
कामदा एकादशी का महत्त्व
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से मन को शांति और पापों से मुक्ति मिलती है. हिंदू धर्म ग्रंथो में कहा गया है कि कामदा एकादशी के व्रत से वाजपेय यज्ञ के समतुल्य शुभ फल प्राप्त होता है. पौराणिक कथाओं में भी यह कहा गया है कि इस व्रत को रखने से राक्षसों को भी उनकी योनि से मुक्ति मिलती है.
कामदा एकादशी तिथि शुभ मुहूर्त
कामदा एकादशी तिथि का आरंभ – 22 अप्रैल 2021 को रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से
कामदा एकादशी तिथि का समापन – 23 अप्रैल 2021 को रात्रि 09 बजकर 47 मिनट तक
कामदा एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त– द्वादशी तिथि यानि 24 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 8 बजकर 24 मिनट तक
पारण की अवधि- 2 घंटे 36 मिनट
कामदा एकादशी के दिन बन रहें हैं ये 7 शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:09 एएम, अप्रैल 24 से 04:53 एएम, अप्रैल 24 तक.
- अभिजित मुहूर्त- 23 अप्रैल को 11:41 एएम से 12:33 पीएम तक.
- विजय मुहूर्त-23 अप्रैल को 02:17 पीएम से 03:09 पीएम तक.
- गोधूलि मुहूर्त- 23 अप्रैल को 06:23 पीएम से 06:47 पीएम तक.
- अमृत काल- 12:20 एएम, अप्रैल 24 से 01:50 एएम, अप्रैल 24 तक.
- निशिता मुहूर्त- 11:45 पीएम से 12:29 एएम, अप्रैल 24 तक.
- रवि योग- 05:38 एएम से 07:42 एएम तक.