आज से आरंभ हो रहा हैं होलाष्टक, नहीं कर सकेंगे शुभ कार्य
होलाष्टक पंचांग के अनुसार 22 मार्च से आरंभ हो रहे हैं. होलाष्टक होली के पर्व से आठ दिन पूर्व आरंभ होते हैं. इसीलिए इसे होलाष्टक कहा जाता है. होलाष्टक में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है. इस समय खरमास भी चल रहे हैं. इसलिए शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी नहीं किए जा सकते हैं.
होलिका दहन का मुहूर्त
होलिका दहन इस वर्ष 28 मार्च को किया जाएगा. इस दिन पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. पूर्णिमा की तिथि में ही शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट मध्य होलिका दहन का मुहूर्त बना हुआ है. 29 मार्च सोमवार को प्रतिपदा तिथि में होली खेली जाएगी. होलिका दहन के दिन ही होलाष्टक का समापन हो जाएगा.
होलाष्टक में क्या करना चाहिए?
होलाष्टक में भगवान का भजन और उपासना करनी चाहिए. बसंत के मौसम में कई बदलाव होते हैं. जिनका प्रभाव सेहत, मन और मस्तिष्क पर भी पड़ता है. होलाष्टक से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. होलाष्टक में भगवान विष्णु, भगवान शिव के साथ-साथ गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. होलाष्टक में श्रीसूक्त का पाठ उत्तम फलदायी माना गया है. इसके साथ ही भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा जीवन में आने वाली कई बाधाओं को दूर करती है.