विजया एकादशी को सुनें या पढ़े यह व्रत कथा, जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

पंचांग के अनुसार, 9 मार्च 2021 दिन मंगलवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि होगी. इस एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं. इस दिन विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा करने और विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ करने का विधान है. यदि आप अपने कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए. विजया एकादशी व्रत की कथा भगवान श्रीराम के लंका विजय से जुड़ी हुई है. जो कि निम्न प्रकार से है.

विजया एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, राम वनवास के दौरान रावण ने माता सीता का हरण कर लिया. तब भगवान राम और उनके अनुज लक्ष्मण बहुत ही चिंतित हुए. माता सीता की खोज के दौरान हनुमान की मदद से भगवान राम की वानरराज सुग्रीव से मुलाक़ात हुई. वानर सेना की मदद से भगवान राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र तट पर आये. विशाल समुद्र के चलते लंका पर चढ़ाई कैसे की जाए. इसके लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा था.

अंत में भगवान राम ने समुद्र से मार्ग के लिए निवेदन किया. परन्तु मार्ग नहीं मिला. फिर भगवान राम ने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूंछा. तब ऋषि-मुनियों ने विजया एकादशी का व्रत करने सलाह दी. साथ ही यह भी बतया कि किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए व्रत करने का विधान है.

ऋषि-मुनियों की सलाह मानकर भगवान राम ने सभी वानर सेना सहित फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत करके विधि विधान से पूजा पाठ किया. ऐसी मान्यता है कि विजया एकादशी व्रत के प्रभाव से भगवान राम को समुद्र से लंका जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ.  यह भी कहा जाता है कि विजया एकादशी व्रत के पुण्य से ही श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त कर सीता माता को वापस लाया. तब से विजया एकादशी व्रत का महत्त्व और बढ़ गया.

 

विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त

  1. एकादशी तिथि प्रारम्भ8 मार्च 2021 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट
  2. विजया एकादशी9 मार्च 2021, दिन मंगलवार
  3. विजया एकादशी तिथि समापन: 9 मार्च 2021 को दोपहर बाद 03:02 बजे
  4. विजया एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त10 मार्च 2021 को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 58 मिनट तक
चाणक्य के अनुसार इन तीन चीजों से व्यक्ति को हमेशा दूर रहना चाहिए
जानिए क्या है आज का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त

Check Also

जानें, कैसे पड़ा बाबा बर्फानी की गुफा का नाम अमरनाथ?

हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थस्थल अमरनाथ धाम (Amarnath Yatra 2024) है। धार्मिक मान्यता है कि …