1 * शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं।
2 * तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें।
3 * तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं।
4 * तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं।
6* सालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ते हैं। उन पर तिल चढ़ाई जा सकती है।
7 * तुलसी और सालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं।
8 * गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें।
9 * अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें।
10 * देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं।
11* कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलजा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी)
12 * प्रसाद चढ़ाएं।
13 * 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें।
14 * प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें।