क्यों कुछ लोग अमीर होते हैं और कुछ गरीब : माता लक्ष्मी ने इंद्र को बताया रहस्य

क्यों कोई अमीर रह जाता है और क्यों कोई गरीब का गरीब ही रह जाता है।
लक्ष्मी माता ने इंद्र देव को बताया था इस बात का असली रहस्य…वैभव की देवी माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। लक्ष्मी की पूजा आराधना हर मनुष्य करता है जिसे धन की चाह होती है लेकिन जरूरी नहीं है कि हर इंसान को धन की प्राप्ति हो या फिर हर इंसान धनवान बन जाए।

इसी सवाल का जवाब मांगने एक बार स्वयं इंद्र देव माता लक्ष्मी के समीप गए और उनसे पूछा माता आपकी पूजा अर्चना तो हर व्यक्ति करता है फिर ऐसा क्यों है कि कोई मनुष्य अमीर है और कोई गरीब।
इसके जवाब में माता लक्ष्मी ने कहा की हर व्यक्ति गरीब अमीर अपने कर्मों से बनता है और उससे भी ज्यादा जरूरी है की जो मेरी पूजा अर्चना करता है वो उसका मान सम्मान भी बनाए रखें।
कहने का तात्पर्य ये है कि अगर आप माता की आराधना पूरे श्रद्धा से नहीं करेंगे तो आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा माता लक्ष्मी ने एक बात और इंद्र देव को बताई थी जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मी माता का वास उस घर में संभव नहीं है
जहां दिन रात क्लेश का माहौल हो।
लक्ष्मी माता ने स्वयं इंद्र देव को बताया था कि कोई व्यक्ति चाहे कितनी ही मेरी पूजा अर्चना क्यों ना कर लें लेकिन मैं उस घर में नहीं रह सकती जहां शांति ना हो।
लक्ष्मी का वास वहीं होता है
जहां सुख शांति हो और परिवार में लोग मिल जुलकर रहते हों।
लक्ष्मी माता का वास वहां नहीं होता जिस घर में दिन रात क्लेश का माहौल हो और लोग लड़ाई झगडे में ही लगे रहते हों।

इसलिए अगर आप भी अमीर और धनवान बनना चाहते हों तो अपने घर में शांति बनाए रखें और कभी भी किसी प्रकार का कोई क्लेश ना करें अन्यथा लक्ष्मी माता रूठकर आपके घर से जा सकती हैं। जहां गृहस्वामिनी का सम्मान नहीं होता है, गृह लक्ष्मी उस घर को भी त्याग देती है।
लक्ष्मी मां ने कहा मेरा एक रूप अन्न भी है। कुछ लोग क्रोध आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं। इस तरह की आदत धन, वैभव एवं पारिवारिक सुख के लिए नुकसानदायक होती है।
जहां अन्न का किसी भी रुप में अपमान होता है वहां भी मैं नहीं रहती….
जानिए सुबह के 10 शुभ संकेत जो बता देते हैं कैसे गुजरेगा दिन
नवरात्रि में करें ये गुप्त उपाय, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति

Check Also

Varuthini Ekadashi के दिन इस तरह करें तुलसी माता की पूजा

 हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का व्रत …